जितेन नार्गे की गाइड की भूमिका के बारे में विचार करते हुए लिखिए कि एक कुशल गाइड में क्या गुण होते हैं?

इस बात में कोई शक नहीं कि जितेन एक कुशल गाइड है। उसने अपने आप को एक कुशल पेशेवर गाइड के रूप में प्रस्तुत किया है जो अपने ग्राहक के पर्यटन संबंधी सभी प्रश्नों को उसके मुख पर घिर आये प्रश्नचिन्हों से ही ज्ञात कर लेता है और विस्तार पूर्वक पर्यटक की जिज्ञासा शान्त करता है। एक कुशल गाइड में इन्हीं गुणों का होना जरुरी माना गया है।


जितेन नार्गे लेखिका का ड्राइवर कम गाइड था। वह नेपाल से कुछ दिन पहले आया था जिसे नेपाल और सिक्किम की अच्छी जानकारी थी। वह इस क्षेत्र एवं पहाड़ों से सुपरिचित था। वह ड्राइवर के साथ-साथ गाइड का कार्य भी कर रहा था। उसमें प्रायः गाइड के वे सभी गुण विद्यमान थे जो अपेक्षित होते हैं-


(क) एक कुशल गाइड में उस स्थान की भौगोलिक, प्राकृतिक और सामाजिक जानकारी होनी चाहिए| वह नार्गे में सम्यक रूप से थी।


(ख) गाइड के साथ-साथ नार्गे ड्राइवर भी था| अतः कहाँ रुकना है, यह निर्णय वह स्वयं ही करने में समर्थ था। उसे कुछ सलाह देने की आवश्यकता नहीं होती है।


(ग) गाइड में सैलानियों को प्रभावित करने की रोचक शैली होनी चाहिए जो उसमें थी। वह अपनी वाक्पटुता से लेखिका को प्रभावित करता था। जैसे- ‘मैडम, यह धर्म चक्र है या प्रेअर व्हील है इसको घुमाने से सारे पाप धुल जाते हैं।


(घ) एक सुयोग्य गाइड क्षेत्र के जन-जीवन की गतिविधियों की भी जानकारी रखता है और संवेदनशील भी होता है।


(ड़) वह पर्यटकों में इतना घुल-मिल जाता है कि स्वयं गाने के साथ नाच उठता है और सैलानी भी नाच उठते हैं। इस तरह वह आम लोगों एवं पर्यटकों के साथ आत्मीय संबंध बना लेता है।


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